जनसंवाद न्यूज़ प्रतिनिधि, भोपाल। भाजपा सरकार की वादाखिलाफी, भ्रष्टाचार, अनुसूचित जाति-जनजाति, महिलाओं, बच्चियों के उत्पीड़न, किसानों की समस्या, बेरोजगारी सहित अन्य मुद्दों को लेकर कांग्रेस विधानसभा का घेराव कर शक्ति प्रदर्शन करने सड़क पर उतर गई है।
कांग्रेस के प्रदर्शन में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ भी पहुंचे हैं। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव भी उपस्थित हैं। सभा को संबोधित करते हुए कमल नाथ ने कहा कि प्रदेश की तस्वीर आप सबके सामने हैं। दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मध्य प्रदेश की पहचान घोटाला प्रदेश की है। हर क्षेत्र में घोटाला है।
कमल नाथ ने कहा- किसानों के साथ अन्याय हुआ
बीज खाद का घोटाला। दुख की बात है कि अपना प्रदेश घोटाला प्रदेश बन गया है। मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था 70 प्रतिशत तक कृषि क्षेत्र पर आधारित है। किसानों के साथ कितना अन्याय है। खाद की बात, बीज की बात, सही दामों पर खरीदने की बात। कितना अन्याय हमारे किसानों के साथ हुआ है।
इधर खाद की खाली बोरियां लेकर कांग्रेस विधायक विधानसभा में पहुंचे। यहां उन्होंने गांधी प्रतिमा के सामने जमकर नारेबाजी की। सचिन यादव ने कहा कि प्रदेश का किसान खाद नहीं मिलने की वजह से परेशान है। 12 साल पहले जो सोयाबीन के दाम थे आज भी वही मिल रहे हैं। एक तो खाद नहीं मिल रहा, दूसरा ब्लैक में नकली खाद बेचा जा रहा है।
शून्यकाल में मुद्दा उठाया गया
खाद की कमी को लेकर कांग्रेस ने शून्यकाल में भी मुद्दा उठाया । नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सरकार किसानों को खाता को उपलब्ध नहीं कर पा रही है। बोवानी नहीं हो रही है। किसान परेशान हैं। जगह-जगह लाइन लग रही है, लेकिन सरकार चुप्पी साधे हुए है। वो यह तक नहीं बता रही है कि खाद कब तक मिलेगी। सरकार की ओर से इस विषय पर जब कोई जवाब नहीं दिया गया तो फिर कांग्रेस के विधायकों ने बहिर्गमन कर दिया।
सुरक्षा के तगड़े प्रबंध
कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए बैरिकेडिंग के साथ सुरक्षा के तगड़े प्रबंध किए गए हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पटवारी ने बताया कि प्रदेशभर से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता आंदोलन में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं। भाजपा सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में प्रदेशवासियों को केवल धोखा मिला है।
महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रही घटनाएं
पटवारी का कहना है कि एक भी दिन ऐसा नहीं बीतता है, जब महिलाओं और बच्चियों के साथ कोई घटना न घटती हो। अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उत्पीड़न की खबरें भी हर दिन सामने आ रही हैं। अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है।
लाड़ली बहनों को तीन हजार रुपये नहीं मिल रहे
न तो लाड़ली बहनों को तीन हजार रुपये देने की पहल की गई, न ही किसानों को धान के 3,100 और गेहूं के 2,700 रुपये प्रति क्विंटल दिए गए। सोयाबीन का छह हजार रुपये देने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र चुनाव के समय की थी, उसे भी लागू नहीं किया गया।