Monday , April 21 2025

शारदीय नवरात्रि 2024: मां शैलपुत्री की पूजा विधि

जनसंवाद न्यूज प्रतिनिधि, इंदौर । आज से शारदीय नवरात्र पर्व की शुरुआत हो गई है। इंदौर सहित मालवा और मध्य प्रदेश में कई प्राचीन देवी मंदिर भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। नवरात्रि की पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. मां बेहद दयालु और कृपालु हैं. मां शैलपुत्री के मुख पर कांतिमय तेज झलकता है. मां शैलपुत्री बाएं हाथ में कमल पुष्प और दाएं हाथ में त्रिशूल धारण करती हैं, इनकी सवारी वृषभ है. मां अपने भक्तों का उद्धार कर दुखों को दूर करती हैं. मां शैलपुत्री का जन्म पर्वतों के राजा हिमालय के घर में पुत्री के रूप में हुआ था, इसीलिए इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है. देवी शैलपुत्री को देवी पार्वती के नाम से भी जाना जाता है.

मां शैलपुत्री की पूजा विधि

शारदीय नवरात्रि के पहले दिेन मां शैलपुत्री की पूजा के साथ घटस्थापना भी की जाती है. यानी कलश स्थापना के साथ नवरात्रि पूजन की शुरुआत होती है. मां शैलपुत्री की पूजा विधि आरम्भ करने से पहले सुबह उठाकर स्नान करें और मंदिर की साज सजावट करें. इसके बाद कलश की स्थापना कर पूजा शुरू करें, मां की मूर्ति या तस्वीर को सिंदूर से तिलक लागाने के बाद लाल रंग के पुष्प अर्पित करें. इसके बाद माता को फल और मिठाई अर्पित करें और माता के समक्ष घी का दीपक जलाए. माता की आरती करने के साथ दुर्गा चालीसा का पाठ करें, इसके बाद व्रत का संकल्प लें.

मां शैलपुत्री का भोग 

मां शैलपुत्री चन्द्रमा से सम्बन्ध रखती है. इन्हे सफ़ेद रंग खाद्य पदार्थ का भोग लगाया जाता है जैसे खीर, रसगुल्ले, पताशे आदि. बेहतर स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए मां शैलपुत्री को गाय के घी का भोग लगाएं या गाय के घी से बनी मिठाईयों का भोग लगाएं.

मां शैलपुत्री का प्राथना मंत्र

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:।

मां शैलपुत्री का उपासना मंत्र

वन्देवांछितलाभाय चन्दार्धकृतशेखराम्। वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।

मां शैलपुत्री की आरती

शैलपुत्रीमां बैल असवार।

करेंदेवता जय जयकार।

शिव शंकरकीप्रिय भवानी।

तेरीमहिमा किसी ने ना जानी।

पार्वतीतूउमा कहलावे।

जो तुझेसिमरे सो सुख पावे।

ऋद्धि-सिद्धिपरवान करे तू।

दया करे धनवानकरे तू।

सोमवारकोशिव संग प्यारी।

आरतीतेरी जिसने उतारी।

उसकीसगरी आस पुजा दो।

सगरेदुख तकलीफ मिला दो।

घी का सुंदरदीप जला के।

गोलागरी का भोग लगा के।

श्रद्धाभाव से मंत्र गाएं।

प्रेमसहित फिर शीश झुकाएं।

जय गिरिराजकिशोरी अंबे।

शिव मुख चंद्रचकोरी अंबे।

मनोकामनापूर्ण कर दो।

भक्तसदा सुख संपत्ति भर दो।

मां शैलपुत्री के पूजा का महत्व

मां शैलपुत्री की पूजा करने से जीवन में स्थिरता आती है. माता शैलपुत्री की विधिवत आराधना से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है और घर में खुशहाली आती है. इनकी अर्चना से मूलाधार चक्र जागृत होते हैं जो अत्यन्त शुभ होता है. साथ ही नवरात्र के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा से चन्द्रमा से जुड़े सभी प्रकार के दोष दूर हो जाते हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

About admin

हमारी समाचार वेबसाइट आपको ताज़ा और विश्वसनीय समाचार प्रदान करती है। हम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खबरों के साथ-साथ विज्ञान, व्यापार, मनोरंजन, खेल और तकनीकी खबरें भी प्रकाशित करते हैं। आपको अपडेट और जानकारी भरी दुनिया में रखने में हमें विश्वास करें।

Check Also

करवा चौथ 2024: भद्रा का साया व्रत को प्रभावित करेगा, जानें 12 नामों से व्रत कैसे करें

व्रत का महत्व और परंपरा करवा चौथ का त्यौहार हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *