बेलेश्वर मंदिर में पिछले साल रामनवमी पर हवन कराया गया। इसके लिए वह स्थान चुना गया, जहां बावड़ी पर वर्षों पहले स्लैब बिछाई गई थी। हवन कुंड की गर्मी और लोगों की भीड़ से स्लैब टूट गई और 36 लोगों की मौत हो गई थी।
पिछले साल रामनवमी को इंदौर के पटेल नगर में हुए बेलेश्वर बावड़ी हादसे मामले में दो आरोपियों ने गिरफ्तारी दी है। पुलिस तो उन्हें नहीं पकड़ पाई। वे खुद थाने पहुंचे। दोनो आरोपी मंदिर ट्रस्ट से जुड़े है।
शुक्रवार सुबह मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली सबनानी थाने में पेश हुए। अब पुलिस उन्हें कोर्ट में पेश करेगी। पुलिस ने यह गिरफ्तारी हादसे के 11 माह बाद की है।
दोनो पदाधिकारियों को मजिस्ट्रियल जांच में भी जिम्मेदार माना गया था, हालांकि हादसे के बाद उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी। बावड़ी हादसे में पूर्व पार्षद महेश गर्ग और प्रमोद दि्वेदी की तरफ से जनहित याचिकाएं लगाई थी। जिसमें दोषियों पर कड़ा एक्शन लेने और मृतकों को परिवारों को 25-25 लाख का मुआवजा देने की मांग की गई थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आश्चर्य जताया था कि पुलिस ने अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की, जबकि हादसे में 36 लोगों की जान जा चुकी है।
बावड़ी पर स्लैब डालकर मंदिर का निर्माण
बेलेश्वर मंदिर में पिछले साल रामनवमी पर हवन कराया गया। इसके लिए वह स्थान चुना गया, जहां बावड़ी पर वर्षों पहले स्लैब बिछाई गई थी। हवन कुंड की गर्मी और लोगों की भीड़ से स्लैब टूट गई और 60 से ज्यादा लोग बावड़ी में गिर पड़े। उनमें से कई लोग तो सीढि़यों व रस्सियों के सहारे निकाल गए, लेकिन 36 लोग मौत के मुंह में समा गए थे। उनके शव सेना की मदद से 24 घंटे चले अभियान के दौरान निकाले गए थे।