जनसंवाद न्यूज़ प्रतिनिधि, भोपाल। मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो गई हैं। सोमवार को 10वीं कक्षा का पहला पेपर हुआ, वहीं मंगलवार यानी आज से 12वीं की परीक्षा शुरू गई है। 12वीं की परीक्षा में कुल 07 लाख 48 हजार 238 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। पहला पेपर हिंदी का हो रहा। परीक्षा सुबह ठीक 09 बजे शुरू हुई और 12 बजे तक है। 12वीं की परीक्षा के लिए प्रदेशभर में 3,638 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से 302 संवेदनशील और 309 अति संवेदनशील परीक्षा केंद्र शामिल हैं। इन केंद्रों पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं।
राजधानी भोपाल में सभी परीक्षा केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था नजर आई। सुबह आठ बजे से ही विद्यार्थी परीक्षा केंद्र पहुंच गए थे। लाइन में लगाकर परीक्षार्थियों की जांच की गई। सबसे पहले प्रवेश पत्र पर क्यूआर कोड को स्कैन किया गया। इसके साथ-साथ परीक्षार्थियों के जूते-चप्पल उतरवाकर भी जांच की गई। कई केंद्रों पर परीक्षार्थियों ने जूते-चप्पल उतारकर कक्ष के अंदर प्रवेश किया। परीक्षा कक्ष में परीक्षार्थियों को आधा घंटे पहले प्रवेश दिया गया। परीक्षा के पहले दिन विद्यार्थियों में भी उत्साह नजर आया। परीक्षा कक्ष में 20 विद्यार्थियों पर एक पर्यवेक्षक की तैनाती की गई है। एक बेंच पर एक परीक्षार्थी को बैठाया गया है।
नहीं मिलेगी सप्लीमेंट्री कापी
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस बार परीक्षा पैटर्न में कई बदलाव किए हैं। प्रश्नपत्र हल करने के लिए छात्रों को 32 पेज की एक कापी दी जा रही है, सप्लीमेंट्री कापी नहीं मिलेगी। सभी परीक्षाकेंद्रों की आनलाइन निगरानी की जा रही है। इस बार केंद्राध्यक्ष, पर्यवेक्षकों के लिए भी परीक्षा केंद्र के भीतर मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित किया गया है।
चार सेट में प्रश्नपत्र
नकल रोकने को लेकर माध्यमिक शिक्षा मंडल ने पैटर्न बदल दिया है। 12वीं कक्षा के प्रश्न-पत्र चार सेट में तैयार किए गए हैं। हालांकि प्रश्नपत्रों का पैटर्न एक जैसा ही है। बस अलग-अलग सेट में सवालों का क्रम बदला हुआ दिखाई देगा। पैटर्न में बदलाव से नकल की संभावना कम रहेगी।
प्रवेश पत्र पर क्यूआर कोड
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस बार सख्ती बरतते हुए बोर्ड परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए प्रवेश पत्र में क्यूआर कोड लगाए हैं, जिसे स्कैन करते ही परीक्षार्थी का नाम, फोटो, माता-पिता व स्कूल का नाम, पंजीयन नंबर सहित पूरा विवरण आ जाता है। इससे फर्जी परीक्षार्थियों की पहचान भी आसानी से हो जाती है।